कर्नाटक के बीदर और शिवमोगा जिलों के केंद्रों पर सीईटी परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले कुछ छात्रों को कथित तौर पर जनेऊ (ब्राह्मणों द्वारा पहना जाने वाला धागा) उतारने के लिए कहा गया, जिससे विवाद पैदा हो गया. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छात्रों का चयन करने हेतु सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) आयोजित की जाती है.
अधिकारियों के अनुसार, बीदर में एक छात्र को गुरुवार सुबह गणित का पेपर दिए बिना ही घर लौटना पड़ा, क्योंकि साईं स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी ने कथित तौर पर उससे परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले जनेऊ उतारने को कहा. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, लड़के ने स्टाफ से गुहार लगाई कि उसे केंद्र में जाने दिया जाए, क्योंकि जनेऊ पहनने से उसके किसी कदाचार में शामिल होने की गुंजाइश नहीं है.
हालांकि, स्टाफ ने उसे यह कहते हुए प्रवेश नहीं दिया कि इससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है. उससे कहा गया कि वह जनेऊ हटाकर परीक्षा केंद्र में जाए, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और गणित का पेपर दिए बिना ही केंद्र से चला गया. हालांकि, बाद में दोपहर को लड़के को जनेऊ पहनकर जीव विज्ञान की परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई. अधिकारियों ने बताया कि इसी छात्र ने एक दिन पहले बिना किसी समस्या के जनेऊ पहनकर भौतिकी और रसायन विज्ञान की परीक्षा भी दी थी.
छात्र से जनेऊ उतारकर आने को कहा गया
परीक्षा देने से चूके छात्र ने कहा, कॉलेज प्रबंधन और पुलिस जैसे दिखने वाले तीन लोगों ने मुझसे जनेऊ उतारकर आने को कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि इसके बाद ही मुझे पेपर देने की अनुमति दी जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या केवल उसे ही या अन्य छात्रों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया था, इस पर छात्र ने कहा, केवल मुझे ही ऐसा करने के लिए कहा गया था. अन्य छात्रों को जांच के बाद सामान्य रूप से अनुमति दी गई थी. मैंने उनसे कहा कि ब्राह्मण समुदाय में जनेऊ हटाने की अनुमति नहीं है और मुझे भौतिकी व रसायन विज्ञान के पेपर के लिए अनुमति दी गई थी. गणित के पेपर के लिए ऐसा प्रतिबंध क्यों था.
45 मिनट तक रिक्वेस्ट करता रहा छात्र
छात्र ने कहा, अन्य पेपरों के लिए उचित जांच नहीं की गई थी और वे अब ऐसा कर रहे थे. मैं 45 मिनट तक अनुरोध करता रहा. बीदर की उपायुक्त शिल्पा शर्मा ने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया, उक्त केंद्र के मुख्य परीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस तरह के व्यवहार के सख्त खिलाफ है. उन्होंने कहा कि बीदर के पुलिस अधीक्षक ने भी आश्वासन दिया है कि वह तलाशी टीम को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
शिवमोगा पुलिस के अनुसार, बुधवार को आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा कर्मचारियों ने तीन छात्रों से कथित तौर पर जनेऊ उतारने को कहा. आरोपों के अनुसार, एक छात्र ने जनेऊ उतारने से इनकार कर दिया और उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई, जबकि अन्य दो ने परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले जनेऊ उतार दिया.
छात्रों के अभिभावकों ने नहीं की शिकायत
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें अभिभावकों की ओर से अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन जांच के अनुसार, जब हमने कॉलेज अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए केवल भवन दिया गया है और प्रवेश परीक्षा आयोजित करने या अन्य व्यवस्थाओं में उनकी कोई भूमिका नहीं है, जबकि परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी छात्र से कमीज या जनेऊ उतारने के लिए नहीं कहा. नियमानुसार, उन्होंने केवल छात्रों से कशी धारा (कलाई के चारों ओर पहना जाने वाला धागा) उतारने के लिए कहा था.